Not known Details About Shiv chaisa

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

अर्थ: हे भोलेनाथ आपको नमन है। जिसका ब्रह्मा आदि देवता भी भेद न जान सके, हे शिव आपकी जय हो। जो भी इस पाठ को मन लगाकर करेगा, शिव शम्भु उनकी रक्षा करेंगें, आपकी कृपा उन पर बरसेगी।

शिव पंचाक्षर स्तोत्र

बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥

नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।

त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन नहीं ताके रहे कलेशा॥

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि shiv chalisa lyricsl भेद नहिं पाई॥

श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी

मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

जीत के लंक विभीषण दीन्हा ॥ सहस कमल में हो रहे धारी ।

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥

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